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रामपुर कसिहा: एक आदर्श गाँव की कहानी
इतिहास
रामपुर कसिहा का इतिहास 13 पीढ़ियों से अधिक पुराना है, जब मध्यप्रदेश के भिंड जिले के अकोडा गाँव से करहिया रियासत के शासन में आए थे। यह गाँव दो भाइयों के परिवारों द्वारा बसाया गया है, जिन्हें गाँव वाले तिनघरवा और पचघरवा के नाम से पुकारते हैं। यह गाँव अपने पूर्वजों की स्मृति को सम्मानित करता है, जिन्होंने इस गाँव को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
करहिया रियासत के शासन के दौरान, रामपुर कसिहा एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहाँ से रियासत के प्रशासनिक कार्यों का संचालन किया जाता था। इस गाँव में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इसकी समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं।
शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत
रामपुर कसिहा की मिट्टी ने कई बुद्धजीवियों को जन्म दिया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी, गाँव के बच्चे विभिन्न उच्च पदों पर शुशोभित होकर गाँव का नाम रोशन कर रहे हैं। गाँव के लोग शिक्षित और सरल मानसिकता के हैं, जो उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
इस गाँव में कई शैक्षिक संस्थान हैं, जो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। गाँव के लोग शिक्षा के महत्व को समझते हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।
रामपुर कसिहा अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मानित करता है, जो इसे एक अद्वितीय पहचान देता है। यहाँ के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को बहुत महत्व देते हैं और उनका पालन करते हैं। गाँव में कई त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं, जो इसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
सामाजिक समरसता
रामपुर कसिहा में विभिन्न वर्ग के लोग बड़े प्यार के साथ रहते हैं, जो इस गाँव की सबसे बड़ी खूबसूरती है। यहाँ के लोग एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं, जो उनकी सामाजिक समरसता को दर्शाता है। गाँव में कोई भेदभाव नहीं है, और सभी लोग समान रूप से सम्मानित हैं।
गाँव में कई सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को एक साथ लाने में मदद करते हैं। यहाँ के लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, जो इसकी सामाजिक समरसता को दर्शाता है।
आज का रामपुर कसिहा
आज, रामपुर कसिहा एक आदर्श गाँव के रूप में उभरा है, जो अपनी शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत, और सामाजिक समरसता के लिए जाना जाएगा